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The Best Advice You Could Ever Get About किस धातु के बर्तन में भोजन बनाने के क्या फायदे


The Best Advice You Could Ever Get About किस धातु के बर्तन में भोजन बनाने के क्या फायदे


किस धातु के बने बर्तन मे भोजन बनाने के क्या फायदे और नुकसान होते है। यही पूरी दिलचस्प जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत है। 

पुराने समय में लोग मिट्टी के बर्तन का उपयोग भोजन बनाने में और भोजन भी करते है।
समय कै चक्र चलता रहा और मनुष्य ने धातु की शोध करता रहा जिसमे सोना, फूल के बर्तन, चाँदी, कांसा, तांबा, पीतल, लोहा, स्टील, ऐलुमिनियम, और खास करके मिट्टी के बर्तन खाना बनाने का और खाने का प्रचलन चलता आ रहा है क्रमश
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आइए जानते है हर एक धातु के बर्तन के बारे मै।



सोना -Gold

सोना एक गर्म तरहा की धातु है। सोने से बने बर्तन में भोजन बनाने और भोजन करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है।
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Sone ke Bartan
पहले के समय में राजा-महाराजा सोने के बर्तन में भोजन करते थे। आज के समय में सोना इतना महंगा है। की गहने तक ही सीमित है

फूल के बर्तन - Flower is a metal Name made from a
              Mixture of copper and zinc
फूल एक धातु का नाम है। जो तांबे और जस्ता के मिश्रण से बनती है।

मिश्रण धातु है पर इसमे काफी बार तांबा या पीतल भी मिलाते है, यह धातु चाँदी के रंग जैसी सवच्छ दिखती है। फूल के बर्तन मे दहि या खट्टी चिजे रखने से बिगड़ती नही है।

 भारत, चीन, मिस्र और यूनान जैसे देशो मे यह धातु का ज्ञान प्राचीन काल से है। प्राचीन खंडहरो की जब खुदाई करने पर हथियार और मूर्तिया इसी धातु मिली थी।
भारत में फूल के बर्तन का अस्तित्व पीतल से भी काफी पुराना है। पुराने जमाने में फूल के बर्तन काफी उपयोग किया जाता था।
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Phool ke Bartan
आज के स्टेनलेस स्टील के जमाने मै फूल के बर्तन का उत्पादन बहुत कम हो गया और दिन प्रतिदिन कम हो रहा है। लेकिन हमारे भारत के काफी गांवो मे  फूल के बर्तन का विशेष महत्व है।

भारत मै उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, और बंगाल मै आज भी फूल के बर्तन का उत्पादन आज भी हो रहा है।

 हम भारतीय का भी फर्ज़ है हम हमारी विरासत को बनाये रखे।

चाँदी - Silver

चाँदी एक प्रकार की ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है।
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Silver ke Bartan
शरीर को मन  और तन दोनों की शांति मिलती है इसके बर्तन में भोजन बनाने और भोजन करने से दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती है, आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को काबू मै रख सकते है।

कांसा - Bronze

काँसे के बर्तन में भोजन करने से बुद्धि तेज होती है, खून का   शुद्धकरण होता है, रक्तपित शांत रहता है और शरीर में भूख बढ़ाती है।

लेकिन काँसे के बर्तन में खट्टी चीजे परोसनी नहीं चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से बने बर्तन मै भोजन में जहर फेलने की क्रिया होती है। और भोजन जहरीला हो जाता है जो हमारे शरीर के लिए नुकसान है।
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kanse ke Bartan
कांसे के बर्तन में भोजन बनाने से मात्र 3 प्रतिशत ही भोजन के पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

तांबा - copper

तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से व्यक्ति का शरीर रोग मुक्त बन जाता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति काफी हद तक अच्छी होती है, लीवर से संबंधी रोग दूर होते  है, तांबे का पानी शरीर के जहरीले तत्वों को खत्म कर देता है
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Tambe ke Bartan
इसलिए इस पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए श्रेष्ठ होता है. तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है।

पीतल – Brass

पीतल के बर्तन में भोजन बनाने से और भोजन  करने से , कफ और वायुदोष और 
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Brass ke Bartan-Pital ke Bartan
कृमि जैसी  बीमारी हमारे शरीर को छु भी नही सक्ति । पीतल के बर्तन में भोजन बनाने से मात्र 7 प्रतिशत भोजन के पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

लोहा - Iron

लोहे के बर्तन में खाना बना के भोजन करने से शरीर की ऊर्जा बढती है, लोहतत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है। लोहा कई रोग को खत्म करता है,
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Lohe ke Bartan
पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और  पीलापन नहीं आने देता, इसिलेये कामला रोग को खत्म कर शक्ति है, और पीलिया रोग को दूर रखता है। लोहे के बर्तन में दूध पीना काफी फायदेमंद है।

स्टील - Steel

आज के आधुनिक समय में जब से स्टील धातु की शोध हुई उसके बाद स्टील के बर्तन का प्रचलन बढ़ गया स्टील बर्तन कै उपयोग आसान है।
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Steel  ke Bartan
क्योकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से. इसलिए नुक्सान नहीं होता है। स्टील के बर्तन में खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता तो नुक्सान भी नहीं होता।

एलुमिनियम - Aluminum

एल्युमिनियम धातु जो धरती में सै जो बोक्साईट मिलता है उसमे से एल्युमिनियम धातु बनाई जाती है। एल्युमिनियम से बने खाने से शरीर को केवल  नुक्सान ही होता है।

यह आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वो को सोखता है इसलिए इसमे बने बर्तन का किसी भी रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे हड्डियां काफी हानी पहुचती है। हडडिया अंदर सै खोखली यानि कमजोर हो जाती है।
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Aluminium  ke Bartan
मानसिक बीमारियाँ भी बढ़ती है, लीवर और नर्वस सिस्टम क्षतिग्रस्त होती है। साथ में किडनी फेल होना, किडनी में स्टोन होना क्षयरोग, अस्थमा, दमा, बात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है।

एलुमिनियम के प्रेशर कूकर में भोजन बनाने से भोजन के 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। क्योकि प्रेशर कूकर खाना उबलता है पकाता नही प्रेशर कूकर का हाई प्रेशर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हाई।

मिट्टी - Soil

धरती माता का सब से बड़ा उपहार है मिट्टी जिसमे अनाज सब्जी आदि जैसे उत्पादन भी होता है।

मिट्टी के बने बर्तन में भोजन पकाते भी है। मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाने से पोषक तत्व भोजन में मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखने की क्षमता हैं।  इस बात को तो आज का आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है।
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Mitti  ke Bartan
मिट्टी के बर्तनों में भोजन  बनाने से शरीर के काफी रोग ठीक होते हैं। मिट्टी के बर्तन की secret रेसिपी जानने के लिए यहा पर क्लिक करे आयुर्वेद के मत अनुसार, अगर आप भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकाना चाहिए। 

और मिट्टी के बर्तन में ही संभव है।   मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनने में समय थोड़ा अधिक लगता है, किन्तु इससे हमारी सेहत को काफी लाभ मिलता है। दूध और दूध से बनने वाली चीजों के लिए सबसे बढ़िया और उत्तम हैं मिट्टी के बर्तन।

जो मिट्टी कै बर्तन में दहि जमता है। उसकी ठंडक और स्वाद की बात ही कुछ ओर है।

मिट्टी के बर्तन में भोजन बनाने से भोजन के सभी पूरे पोषक तत्व मोजूद रेहते हैं। 110 प्रतिशत क्योकि मिट्टी पोषक तत्व भोजन में घुल जाते है। और यदि मिट्टी के बर्तन में भोजन खाना खाने का मजा ही कुछ ओर है,स्वाद ही जायकेदार होता है।

अब आप तय कर सकते है, हमे किस धातु के बर्तन में खाना पकाना चाइए और खाना चाहिए आशा करता हु आपको ये जानकारी काफी उपयोगी होंगी अच्छी लगे तो share करे

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